Sunday, April 12, 2020

मंगल ग्रह के बारे  में रोचक तथ्य / Mars Planet Facts in Hindi

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मंगल ग्रह जिसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है पृथ्वी के निकटतम ग्रहो में से एक है. बुध ग्रह के बाद मंगल सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य से चौथा निकटतम ग्रह है (सूर्य से ग्रहों का क्रम: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून, और प्लूटो (बौना ग्रह) )

पृथ्वी से टेलिस्कोप के द्वारा मंगल ग्रह देखने पर यह लाल रंग (Mars Planet Facts in Hindi) का दिखाई देता है, मंगल ग्रह के लाल होने का कारण इसकी सतह पर अत्यधिक मात्रा में पाया जाने वाला लौह ऑक्साइड है जो इसे लाल रंग प्रदान करता है.

मंगल एक स्थलीय ग्रह है जिसका मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना एक पतला वातावरण है.

मंगल एक स्थलीय ग्रह है जिसका मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना एक पतला वातावरण है.

1. मंगल ग्रह की सतह पर वायुमंडलीय दबाव बेहद कम है, यही कारण है कि इसकी सतह पर लंबे समय तक तरल पानी मौजूद नहीं रह सकता.

2. मंगल ग्रह को सूर्य के चारों ओर एक पूर्ण चक्रर लगाने में पृथ्वी से दोगुना समय लगता है.

3. यदि हम पृथ्वी के साथ मंगल के घनत्व की तुलना करते हैं, तो हम पाएंगे कि यह पृथ्वी की तुलना में 100 गुना कम है.

4. क्या आप जानते है Mars पृथ्वी के व्यास के आधे से भी कम है.

5. मंगल ग्रह का ध्रुवीय व्यास: 6,752 किमी व् द्रव्यमान: 6.42 x 10 ^ 23 किग्रा है.

6. मंगल ग्रह के दो प्राकृतिक उपग्रह (चन्द्रमा) है। 

7. मंगल ग्रह की कोर को लेकर अभी तक अंतरिक्ष विज्ञानिको को पूरी सफलता नहीं मिली है. आपकी जानकारी के लिए बता दे मंगल ग्रह की सतह ठोस, तरल या दो अलग-अलग परतों से बनी है इस पर विज्ञानिको में मतभेद रहे है.

8. मंगल ग्रह का पड़ोसी ग्रह जिसे बृहस्पति ग्रह के नाम से जाना जाता है, अपने विशाल आकार के कारन मंगल की कक्षा को प्रभावित करने की क्षमता रखता है.

9. क्या आप जानते है March महीने का नाम Mars से ही निकला है.

10. मंगल ग्रह पर 1960 में पहला अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया था, हालाँकि, यह मिशन विफल रहा.

मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "गैसीय ग्रह" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस भी यहीं पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं। इस गृह पर जीवन होने की संभावना है।
1965 में मेरिनर ४ के द्वारा की पहली मंगल उडान से पहले तक यह माना जाता था कि ग्रह की सतह पर तरल अवस्था में जल हो सकता है। यह हल्के और गहरे रंग के धब्बों की आवर्तिक सूचनाओं पर आधारित था विशेष तौर पर, ध्रुवीय अक्षांशों, जो लंबे होने पर समुद्र और महाद्वीपों की तरह दिखते हैं, काले striations की व्याख्या कुछ प्रेक्षकों द्वारा पानी की सिंचाई नहरों के रूप में की गयी है। इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं। फिर भी, सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है।

वर्तमान में मंगल ग्रह की परिक्रमा तीन कार्यशील अंतरिक्ष यान मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्रेस और टोही मार्स ओर्बिटर है, यह सौर मंडल में पृथ्वी को छोड़कर किसी भी अन्य ग्रह से अधिक है। मंगल पर दो अन्वेषण रोवर्स (स्पिरिट और् ओप्रुच्युनिटी), लैंडर फ़ीनिक्स, के साथ ही कई निष्क्रिय रोवर्स और लैंडर हैं जो या तो असफल हो गये हैं या उनका अभियान पूरा हो गया है। इनके या इनके पूर्ववर्ती अभियानो द्वारा जुटाये गये भूवैज्ञानिक सबूत इस ओर इंगित करते हैं कि कभी मंगल ग्रह पर बडे़ पैमाने पर पानी की उपस्थिति थी साथ ही इन्होने ये संकेत भी दिये हैं कि हाल के वर्षों में छोटे गर्म पानी के फव्वारे यहाँ फूटे हैं। नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर की खोजों द्वारा इस बात के प्रमाण मिले हैं कि दक्षिणी ध्रुवीय बर्फीली चोटियाँ घट रही हैं।
मंगल के दो चन्द्रमा, फो़बोस और डिमोज़ हैं, जो छोटे और अनियमित आकार के हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह 5261 यूरेका के समान, क्षुद्रग्रह है जो मंगल के गुरुत्व के कारण यहाँ फंस गये हैं। मंगल को पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है। इसका आभासी परिमाण -2.9, तक पहुँच सकता है और यह् चमक सिर्फ शुक्र, चन्द्रमा और सूर्य के द्वारा ही पार की जा सकती है, यद्यपि अधिकांश समय बृहस्पति, मंगल की तुलना में नंगी आँखों को अधिक उज्जवल दिखाई देता है।




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