आदेशानुसार 31 मार्च तक सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, क्या इन हज़ारो ट्रेनों को खड़ी करने के लिए स्टेशनो पर इतनी जगह उपलब्ध है
वैसे तो इसका उत्तर रेलवे के कैरिज एवं वैगन (मैकेनिकल) विभाग के पास है , फिर भी इसका जबाब मै अपनी जानकारी के अनुसार दे देता हूँ !
- इस समय मालगाड़ियाँ ज्यादा चलेंगी क्योंकि अब रनिंग लाइन उनके लिए ही है। इससे बड़े स्टेशनों के यार्ड खाली रहेंगे, वहाँ पैसिंजर ट्रेन के रैक खड़े कर दिए जाएंगे।
- मुम्बई के पास इगतपुरी, नासिक, मनमाड तक के यार्डों में पैसिंजर ट्रेनों को खड़ा कर दिया जायेगा।
- ऐसे ही दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर,. तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, मदुरई, अमृतसर, जम्मूतवी, पठानकोट, अहमदाबाद, नागपुर, जबलपुर जैसे बड़े स्टेशनों के पास के दूसरें छोटे स्टेशन यार्डों में पैसिंजर ट्रेन खड़ी की जा सकती हैं।
- कुछ पैसिंजर ट्रेन के रैक बड़े स्टेशनों के नजदीक के रोड साइड स्टेशनों की लूप लाइन में खड़े कर दिए जाँयेंगे और मालगाड़ियाँ मेन लाइन से चलाई जाती रहेंगी।
- रेलवे में 7000 के लगभग रेलवे स्टेशन हैं। प्रत्येक स्टेशन पर 2 लूप लाइन भी मान ली जाँयें तो 14000 लूप लाइने हो जाती हैं। इस प्रकार इन पैसिंजर ट्रेनों के रैक खड़े कर दिए गये होंगे।
- हालांकि ऐसा पहली बार करना पड़ रहा है तो जोनल, डिवीजनल लेवल पर मैकेनिकल और आपरेटिंग के अधिकारियों की हाई लेवल की मीटिंग हुयी होगी। उसमें कोई प्रोग्राम चाक आऊट कर लिया गया होगा।
- पूरे देश में लाक डाउन है और प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर RPF स्टाफ रहता ही है तो चोरी चपाटी की घटनाएं होने की कोई उम्मीद नहीं होगी।
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