समुद्री मील क्या है ? क्यों समुद्र में दूरियों को किलोमीटर से नहीं मापा जाता ?
समुद्र में हालात जमीन से बहुत अलग होते हैं और बहुत तेजी से वहां का प्रतिरूप बदलता रहता है इस कारण समुद्र में दूरी नापने के लिए किलोमीटर मीटर मिल या कुछ भी ऐसे मात्रक उपयोग नही किए जा सकते जो दो स्थिर बिंदुओं के बीच की दूरी दिखाते हो क्योंकि समुद्र का कोई भी हिस्सा स्थिर नहीं रहता
लेकिन दूरी मापना तो जरूरी है इस कारण जलयान के पायलट एक बड़ी चालाक किस्म के मात्रक का उपयोग दूरी मापने के लिए करते हैं
असल में पूरी पृथ्वी को 360 डिग्री में बांटा गया है और दो तरह की रेखाएं धरती पर खींची गई है पहली रेखाएं जिन्हें देशांतर कहते हैं यह पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को जोड़ती है
और दूसरी रेखाएं अक्षांश कहते हैं यह पूरी पृथ्वी को चारों ओर घूमती है आपने सुना होगा विषुवत रेखा कर्क रेखा और मकर रेखा यह सभी रेखाएं अक्षांश रेखाएं ही है
समुद्र में दूरी नापने के लिए अक्षांश रेखाओं का ही उपयोग किया जाता हैं दो अक्षांश रेखाओं में 1 डिग्री का अंतर होता है
समुद्री पायलटों ने इस 1 डिग्री के अंतर के 60 टुकड़े कर दिए और इसका एक टुकड़ा एक समुद्री मील के बराबर होता है
यानि अक्षांश रेखाओं के बीच की 1 मिनट कि दुरी एक समुद्री मील के बराबर होती है अगर आपको यह समझ नहीं आया तो नीचे दी गई सारणी को समझे
1/60 degree= 1 mint
1/60 mint = 1 second
तो इसका मतलब यह हुआ दो अक्षांश रेखाओं के बीच के 1 मिनट की दूरी की दूरी 1 समुद्री मील के बराबर होती है !
उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि समुद्र में दूरियों को किलोमीटर से नहीं मापा जाता!
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