Tuesday, March 24, 2020

ज्ञान का भंडार


Hello  friends,
बताने वाले तो यह भी बता रहे हैं कि 0.1% ही कोरोनावायरस से मृत्यु होती है, हजार में से 1 लोगों एक व्यक्ति को ही जान का खतरा है.
धीरे-धीरे यह वायरस अपने आप को मजबूत भी कर रहा है और एक बार कोरोनावायरस हो जाने पर व्यक्ति भी अपने शरीर को मजबूत कर लेता है यह एक इंटरनल प्रक्रिया है.
धीरे-धीरे हमारा शरीर इसे अपना लेगा और इसका असर शरीर पर कम हो जाएगा लेकिन जब पहली बार यह होता है तो उस वक्त तो असर दिखाएगा ही.
यहां एक बात है यह दूसरे व्यक्ति के शरीर से अपने आप को मजबूत करके आपके शरीर में आएगा और आप अपना शरीर तब मजबूत करोगे जब यह आपको लग जाएगा इसमें आपका जीवित बचना भी बहुत जरूरी है लेकिन जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनका इससे बच पाना बहुत मुश्किल है.
हम आपकी बात भी मान लेते हैं कि 95% यह है रिकवर हो जाता है लेकिन जिन 5% लोगों को यह रिकवर नहीं होता है क्या आप 5% कम बड़ा आंकड़ा मान रहे हैं. यह बहुत डरावनी बात है.
जहां भारत में लोगों का इम्यून सिस्टम बहुत ज्यादा खराब है जहां लोगों को बहुत बड़ी मात्रा में डायबिटीज की समस्या है ऐसे में यह कितना बड़ा खतरा हो सकता है आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते हैं यह आंकड़ा 5% से बढ़कर बहुत अधिक हो सकता है. 50% के आसपास डायबिटीज के मरीज भारत में ही हैं और यह वास्तव में डरने वाली बात है.
शायद आप नहीं जानते जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उन्हें भी इससे बहुत बड़ा खतरा है और यह लगभग बड़ी उम्र के हर व्यक्ति के साथ ब्लड प्रेशर की समस्या देखने में आती है साथ ही साथ टीवी का विषाणु बहुत ज्यादा लोगों के शरीर में रहता है लेकिन एक्टिव नहीं रहता है जब यह कोरोनावायरस लगेगा तो वह एक्टिव हो जाएगा क्या आपको यह अभी डरने वाली बात नजर नहीं आती है क्योंकि यह फेफड़ों पर ही बहुत ज्यादा असर डालता है.

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